बारिश के बाद मिट्टी से जो विशेष खुशबू आती है, उसे पेट्रिकोर (Petrichor) कहा जाता है। यह शब्द 1960 के दशक में ऑस्ट्रेलियाई शोधकर्ताओं द्वारा गढ़ा गया था। इस सुगंध का मुख्य कारण दो प्रमुख कारक होते हैं: पौधों द्वारा छोड़े गए तेल (Plant Oils) और कुछ विशेष प्रकार के बैक्टीरिया (Bacteria) की सक्रियता।
पौधों के तेल (Plant Oils)
जब लंबे समय तक सूखा रहता है, तो विभिन्न पौधे मिट्टी में तेल (Oils) छोड़ते हैं, जो सूखी मिट्टी में इकट्ठा होते रहते हैं। जब बारिश होती है, तो ये तेल नमी (Moisture) के साथ मिलकर हवा में फैल जाते हैं, जिससे मिट्टी की एक खास सुगंध पैदा होती है। यह तेल सूखे मौसम के दौरान जमीन पर जमा रहते हैं और बारिश के संपर्क में आते ही हवा में घुलकर खुशबू का कारण बनते हैं।
बैक्टीरिया (Bacteria)
एक विशेष प्रकार के बैक्टीरिया जिन्हें स्ट्रेप्टोमाइसीस (Streptomyces) कहा जाता है, वे जियोस्मिन (Geosmin) नामक यौगिक का उत्पादन करते हैं। जियोस्मिन की एक मजबूत, मिट्टी जैसी गंध होती है। जब बारिश सूखी मिट्टी पर गिरती है, तो यह बैक्टीरिया सक्रिय हो जाते हैं और उनके बीजाणु (Spores) व जियोस्मिन हवा में फैल जाते हैं। इस प्रक्रिया से मिट्टी की विशिष्ट गंध और भी तेज हो जाती है, जो हमें बारिश के बाद महसूस होती है।
ओज़ोन (Ozone) का योगदान
कभी-कभी बारिश से पहले हवा में एक ताजगी भरी, तीखी महक महसूस होती है। यह ओज़ोन (Ozone) के कारण होती है, जो बिजली गिरने या तूफान के दौरान वातावरण में उत्पन्न होती है। ओज़ोन की यह ताजगी भरी महक बारिश शुरू होने से पहले महसूस होती है और बारिश के बाद की मिट्टी की गंध के साथ मिलकर एक अद्वितीय सुगंध पैदा करती है।
इस तरह से, बारिश के बाद जो मिट्टी से एक खास महक आती है, वह पौधों के तेल, बैक्टीरिया द्वारा उत्पादित जियोस्मिन और कभी-कभी ओज़ोन के मिश्रण से उत्पन्न होती है। यह वही खुशबू है जिसे हम बारिश के बाद महसूस करते हैं, और यह प्राकृतिक प्रक्रिया सदियों से हमें एक अद्वितीय अनुभव प्रदान कर रही है।
क्या बारिश के बाद मिट्टी की गंध मिट्टी के प्रकार के आधार पर भिन्न हो सकती है?
हाँ, बारिश के बाद आने वाली मिट्टी की महक अलग-अलग प्रकार की मिट्टी (Soil) पर निर्भर कर सकती है। इस गंध को प्रभावित करने वाले कई कारक होते हैं, जिनमें मुख्य रूप से मिट्टी की संरचना (Soil Composition) और उस क्षेत्र की वनस्पति (Vegetation) शामिल होती हैं।
मिट्टी की संरचना (Soil Composition)
विभिन्न प्रकार की मिट्टियों में जैविक पदार्थ (Organic Matter), खनिज (Minerals) और सूक्ष्मजीव (Microorganisms) की मात्रा अलग-अलग होती है। उदाहरण के लिए, चिकनी मिट्टी (Clay Soils) अधिक नमी बनाए रखती है और इसमें स्ट्रेप्टोमाइसीस (Streptomyces) जैसे बैक्टीरिया द्वारा उत्पादित जियोस्मिन (Geosmin) की उच्च सांद्रता के कारण एक अधिक मजबूत मिट्टी जैसी गंध हो सकती है। दूसरी ओर, रेतीली मिट्टी (Sandy Soils) में जैविक सामग्री कम होती है, इसलिए यह हल्की महक पैदा कर सकती है।
वनस्पति (Vegetation)
किसी क्षेत्र में पाए जाने वाले पौधों का भी गंध पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। कुछ पौधे विशेष प्रकार के तेल (Oils) छोड़ते हैं जो बारिश के बाद पेट्रिकोर (Petrichor) में योगदान करते हैं। उदाहरण के लिए, यूकेलिप्टस (Eucalyptus) के पेड़ अपने मजबूत सुगंधित तेलों के लिए जाने जाते हैं, जो उन क्षेत्रों में गंध को और तेज कर सकते हैं जहां ये पेड़ अधिक संख्या में होते हैं।
सूक्ष्मजीवी गतिविधि (Microbial Activity)
विभिन्न बैक्टीरिया की उपस्थिति और उनकी गतिविधि भी गंध की तीव्रता और गुणवत्ता को प्रभावित कर सकती है। एक्टिनोमाइसीट्स (Actinomycetes) जैसे सूक्ष्मजीव नम परिस्थितियों में पनपते हैं और जब सूखी मिट्टी पर बारिश की बूंदें गिरती हैं, तो वे जियोस्मिन (Geosmin) छोड़ते हैं, जो मिट्टी की मिट्टी जैसी गंध का एक मुख्य घटक होता है।
इस प्रकार, मिट्टी के प्रकार और स्थानीय वनस्पति में अंतर के कारण बारिश के बाद गंध में विभिन्नता पाई जाती है।