अगर आप दिल्ली-एनसीआर से चंडीगढ़ जाने की योजना बना रहे हैं, तो आपके पास दो प्रमुख रूट विकल्प हैं – KMP (Kundli-Manesar-Palwal) एक्सप्रेसवे और KGP (Kundli-Ghaziabad-Palwal) एक्सप्रेसवे। दोनों ही हरियाणा और उत्तर प्रदेश से होकर गुजरते हैं और दिल्ली के बाहर एक वैकल्पिक मार्ग प्रदान करते हैं। लेकिन सवाल यह है कि कौन सा रास्ता ज्यादा सुविधाजनक और तेज़ रहेगा? आइए विस्तार से जानते हैं।
KMP एक्सप्रेसवे (Kundli-Manesar-Palwal Expressway)
लंबाई: 135.6 किलोमीटर
रूट: कुंडली → मानेसर → पलवल
KMP एक्सप्रेसवे दिल्ली को बाईपास करने के लिए बनाया गया था, जिससे उत्तर भारत के राज्यों (पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश) से आने-जाने वाले वाहनों को राजधानी दिल्ली में प्रवेश न करना पड़े। यह एक्सप्रेसवे हरियाणा के कुंडली, मानेसर और पलवल को जोड़ता है और दिल्ली की बाहरी सीमा के साथ चलता है।
KMP एक्सप्रेसवे की विशेषताएँ:
- दिल्ली के बाहरी क्षेत्र से होकर गुजरता है, जिससे शहर के ट्रैफिक से बचा जा सकता है।
- NH-44 (दिल्ली-अंबाला हाईवे) और NH-48 (दिल्ली-जयपुर हाईवे) से जुड़ता है।
- औद्योगिक क्षेत्रों और लॉजिस्टिक्स केंद्रों तक आसान पहुंच प्रदान करता है।
KGP एक्सप्रेसवे (Kundli-Ghaziabad-Palwal Expressway)
लंबाई: 136 किलोमीटर
रूट: कुंडली → गाजियाबाद → पलवल
KGP एक्सप्रेसवे, जिसे ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे भी कहा जाता है, दिल्ली के पूर्वी हिस्से से होकर गुजरता है और कुंडली को गाजियाबाद और पलवल से जोड़ता है। यह एक्सप्रेसवे दिल्ली के यातायात को कम करने के लिए बनाया गया है और मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद, बागपत और ग्रेटर नोएडा से होकर गुजरता है।
KGP एक्सप्रेसवे की विशेषताएँ:
- छह लेन चौड़ा एक्सप्रेसवे, जो हाई-स्पीड ट्रैवल के लिए उपयुक्त है।
- सीधे NH-44 (दिल्ली-अंबाला हाईवे) से जुड़ता है, जो चंडीगढ़ जाने के लिए उपयोगी हो सकता है।
- गाजियाबाद और नोएडा से जुड़े यात्रियों के लिए बेहतर विकल्प।
चंडीगढ़ जाने के लिए कौन सा रास्ता बेहतर है?
अगर आप चंडीगढ़ जाने की योजना बना रहे हैं, तो KMP एक्सप्रेसवे ज्यादा सुविधाजनक रहेगा।
KMP एक्सप्रेसवे क्यों बेहतर है?
- कम दूरी और सीधा रूट:
- KMP एक्सप्रेसवे से मानेसर होते हुए NH-44 पकड़ना आसान होता है।
- KGP एक्सप्रेसवे थोड़ा लंबा पड़ सकता है क्योंकि यह गाजियाबाद की ओर मुड़ता है।
- कम ट्रैफिक और तेज़ गति:
- KMP पर ट्रैफिक कम होता है, जबकि KGP पर गाजियाबाद और ग्रेटर नोएडा के आसपास हल्का ट्रैफिक मिल सकता है।
- ट्रक और भारी वाहनों की आवाजाही KGP पर अधिक रहती है।
- तेल और समय की बचत:
- KMP एक्सप्रेसवे से NH-44 जल्दी मिल जाता है, जिससे चंडीगढ़ पहुंचने में समय कम लगता है।
- KGP से जाने पर थोड़ा ज्यादा फासला तय करना पड़ सकता है, जिससे ईंधन की अधिक खपत होगी।
निष्कर्ष
अगर आप दिल्ली-एनसीआर से चंडीगढ़ जाना चाहते हैं, तो KMP एक्सप्रेसवे बेहतर विकल्प रहेगा। यह छोटा, तेज़ और कम ट्रैफिक वाला मार्ग है, जो समय और ईंधन दोनों की बचत करेगा। हालांकि, अगर आपकी लोकेशन गाजियाबाद, नोएडा या उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्से में है, तो KGP एक्सप्रेसवे भी एक विकल्प हो सकता है। लेकिन कुल मिलाकर, KMP एक्सप्रेसवे चंडीगढ़ के लिए सबसे सुविधाजनक रूट माना जाएगा।