WhatsApp Group Join Now
Telegram Channel Join Now
Instagram Profile Follow Me

आज के दौर में तेजी से बदलते जलवायु, बढ़ती जनसंख्या और प्राकृतिक संसाधनों के सीमित होने की वजह से “सस्टेनेबल एग्रीकल्चर” (Sustainable Agriculture) या टिकाऊ खेती का महत्व और भी बढ़ गया है। यह खेती का एक ऐसा तरीका है जो न केवल वर्तमान में जरूरतों को पूरा करता है, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए भी संसाधनों का संरक्षण करता है। इसमें खेती को अधिक पर्यावरणीय, सामाजिक और आर्थिक रूप से स्थिर बनाने पर जोर दिया जाता है।


सस्टेनेबल एग्रीकल्चर की परिभाषा

सस्टेनेबल एग्रीकल्चर (Sustainable Agriculture) का मतलब है कि खेती को इस प्रकार से करना ताकि पर्यावरण, भूमि, जल, और अन्य प्राकृतिक संसाधनों का संतुलित उपयोग हो सके और किसानों को आर्थिक स्थिरता भी मिल सके। इसके साथ ही, यह खेती प्रणाली आने वाली पीढ़ियों के लिए भी अनुकूल होती है।

सस्टेनेबल एग्रीकल्चर के मुख्य उद्देश्य:

  1. पर्यावरणीय संरक्षण: पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना उत्पादन को बढ़ाना।
  2. आर्थिक स्थिरता: किसानों को आर्थिक दृष्टि से मजबूत बनाना।
  3. सामाजिक जिम्मेदारी: समाज में जागरूकता और रोजगार के अवसर बढ़ाना।

सस्टेनेबल एग्रीकल्चर के प्रमुख घटक:

  1. मिट्टी का स्वास्थ्य (Soil Health):
  • मिट्टी की उपजाऊ शक्ति बनाए रखने के लिए इसे जैविक तरीकों से पोषित किया जाता है।
  • फसल चक्रण (Crop Rotation) और जैविक खाद (Organic Fertilizers) का इस्तेमाल किया जाता है।
  1. पानी का सही उपयोग (Water Conservation):
  • ड्रिप इरिगेशन (Drip Irrigation) और स्प्रिंकलर सिस्टम (Sprinkler System) जैसी तकनीकों का उपयोग करके पानी की बचत की जाती है।
  • जल संरक्षण (Water Harvesting) के तरीकों को अपनाया जाता है।
  1. जैविक खेती (Organic Farming):
  • रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के बिना खेती करने का तरीका।
  • फसलों के उत्पादन में प्राकृतिक खाद, जैविक कीटनाशक का इस्तेमाल होता है।
  1. कम ऊर्जा उपयोग (Energy Efficiency):
  • खेती में अक्षय ऊर्जा स्रोतों का उपयोग, जैसे कि सोलर पंप (Solar Pump) और बायोगैस।
  • जीवाश्म ईंधन के बजाय कम ऊर्जा-युक्त मशीनों का प्रयोग।
  1. स्थानीय संसाधनों का उपयोग (Use of Local Resources):
  • स्थानीय किस्मों का उपयोग, जिससे कम जल, उर्वरक और कीटनाशकों की जरूरत होती है।
  • स्थानीय कृषि पद्धतियों को अपनाना जो पर्यावरण के अनुकूल होती हैं।

सस्टेनेबल एग्रीकल्चर का महत्त्व:

  1. जलवायु परिवर्तन से निपटना (Combat Climate Change):
  • सस्टेनेबल एग्रीकल्चर से ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन कम होता है और इससे जलवायु पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
  1. खाद्य सुरक्षा (Food Security):
  • यह खेती प्रणाली लंबे समय तक खाद्य उत्पादन सुनिश्चित करती है, जिससे आने वाली पीढ़ियों के लिए भी खाद्य सुरक्षा बनी रहती है।
  1. कृषि में नवाचार (Innovation in Agriculture):
  • नई और उन्नत तकनीकों का प्रयोग करके कृषि उत्पादन को बेहतर बनाना।
  1. जैव विविधता संरक्षण (Biodiversity Conservation):
  • सस्टेनेबल एग्रीकल्चर में विभिन्न प्रकार की फसलें उगाई जाती हैं, जिससे जैव विविधता सुरक्षित रहती है।

सस्टेनेबल एग्रीकल्चर के लिए हाल की प्रगति

  1. ड्रोन और सैटेलाइट तकनीक (Drone and Satellite Technology):
  • अब खेतों की निगरानी और पानी की आवश्यकताओं का विश्लेषण ड्रोन और सैटेलाइट्स के जरिए किया जा रहा है।
  1. एआई और बिग डेटा (AI and Big Data):
  • फसलों की वृद्धि, मौसम की स्थिति और मिट्टी के स्वास्थ्य का विश्लेषण करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और बिग डेटा का उपयोग किया जा रहा है।
  1. हाइड्रोपोनिक्स और एरोपोनिक्स (Hydroponics and Aeroponics):
  • यह ऐसी खेती प्रणाली है जिसमें बिना मिट्टी के पानी में पोषक तत्वों के जरिए खेती की जाती है। इस पद्धति से कम भूमि और पानी की जरूरत होती है।
  1. कृषि 4.0 (Agriculture 4.0):
  • यह एक उन्नत कृषि प्रणाली है जिसमें इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT), सेंसर, और रोबोटिक तकनीक का उपयोग करके खेतों की निगरानी और फसलों की पैदावार में सुधार किया जा रहा है।

सस्टेनेबल एग्रीकल्चर की चुनौतियाँ:

  1. जागरूकता की कमी (Lack of Awareness):
  • अभी भी कई किसान इस प्रणाली के फायदों से अनजान हैं।
  1. प्रारंभिक लागत (Initial Costs):
  • सस्टेनेबल एग्रीकल्चर को अपनाने में शुरूआती लागत ज्यादा होती है।
  1. प्रशिक्षण की कमी (Lack of Training):
  • किसानों को नई तकनीकों और पद्धतियों का उचित प्रशिक्षण नहीं मिलता।

सस्टेनेबल एग्रीकल्चर का भविष्य

  1. सरकार की भूमिका (Government’s Role):
  • सरकार सस्टेनेबल एग्रीकल्चर को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी और जागरूकता अभियान चला रही है।
  • 2024 में भारत सरकार द्वारा घोषित नई नीतियाँ किसानों को इस प्रणाली को अपनाने के लिए प्रेरित कर रही हैं।
  1. निजी क्षेत्र का योगदान (Private Sector Involvement):
  • कई निजी कंपनियाँ भी इस क्षेत्र में निवेश कर रही हैं और नई तकनीकों को विकसित कर रही हैं।
  1. उन्नत शिक्षा और प्रशिक्षण (Advanced Education and Training):
  • कई संस्थान किसानों के लिए सस्टेनेबल एग्रीकल्चर में शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान कर रहे हैं।

निष्कर्ष

सस्टेनेबल एग्रीकल्चर (Sustainable Agriculture) केवल एक नई पद्धति नहीं, बल्कि हमारी आवश्यकता है। आज के समय में जलवायु परिवर्तन, घटते प्राकृतिक संसाधन और बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए, हमें ऐसी खेती पद्धतियों की ओर बढ़ना होगा जो आने वाले समय में भी हमें खाद्य सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता प्रदान करें। नई तकनीकों और सरकारी प्रयासों से, सस्टेनेबल एग्रीकल्चर का भविष्य उज्ज्वल है और इसके जरिए हम एक स्थिर और समृद्ध कृषि प्रणाली की ओर बढ़ सकते हैं।

By Wasim Ilyas Akram

दोस्तों, मैं एक एग्रीकल्चर ग्रेजुएट हूं और पिछले लगभग 5 सालों से मैं किसान समुदाय के लिए काम कर रहा हूं। मैंने Centre Of Excellence For Vegetables, Gharaunda में नर्सरी एक्सपर्ट के पद पे कार्य किया है और पौध उत्पादन में करीब 5 साल दिए हैं। इसके अलावा हमारा एक YouTube चैनल AAS TV के नाम से है, जिसपे हम लगातार videos की शक्ल में खेती से जुड़ी उन्नत जानकारी साझा करते हैं। आप भी हमारे साथ इस मुहिम में आज़ ही जुड़िए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

सरसों के तेल के ये 7 फायदे जानकर आप रह जायेंगे हैरान|  Who was Ustaad Zakir Hussain? पौधों के लिए एक अमृत की तरह है मल्टीप्लेक्स कंपनी का जनरल लिक्विड| क्या है ‘व्हाइट रिवोल्यूशन 2.0’ और कैसे ये महिलाओं को बनाएगा सशक्त? मसालों की लिस्ट में अगर नहीं है हल्दी, तो रह जाओगे काफी फायदों से महरूम| खाली पेट बादाम खाने के हैं बेशुमार फायदे, अभी डाइट में करें शामिल| सेहत का खज़ाना है ब्रसेल्स स्प्राउट्स (Brussels Sprouts), फायदे जानकर आप भी रह जायेंगे हैरान| “Women’s T20 World Cup 2024: Soaring to New Heights in Cricket!” इंडिया में खाए जाने वाले 5 मुख्य ट्रेडिशनल डिशेज, आपकी पसंदीदा कौनसा है? कौनसे हैं दुनिया के 5 सबसे ज्यादा जहरीले सांप? जानकर रह जायेंगे हैरान!