Introduction
दोस्तों, जैसे ही मानसून का सीजन शुरू होता है और हवा में नमी बढ़ती है तो पौधों में बीमारियों का प्रकोप भी बढ़ना शुरू हो जाता है। और फंगस से पौधों में काफी ज्यादा परेशानियां शुरू हो जाती हैं।
पौधों में ऐसी ही बीमारी है Fusarium wilt जिसकी वजह से फसलों में काफी ज्यादा नुकसान होता है। ये बीमारी आमतौर से बड़ी फसलों में होती है। पर बीते कुछ समय में इसका असर पौध पर भी देखने को मिलता है। और हमारे एक रीडर ने हमें अपनी गोभी की नर्सरी की कुछ तस्वीरें भेजी हैं जहां Fusarium wilt के लक्षण साफ दिखाई दे रहे हैं।
आइये, आज के इस ब्लॉग में हम पौधों की इसी बीमारी को ध्यान से समझते हैं। और जानेंगे की ये क्या होता है और कैसे पौधों को अपनी चपेट में लेता है?
What Is Fusarium Wilt? | क्या है फ्यूजेरियम विल्ट?
फ्यूजेरियम विल्ट पौधों में होने वाली एक widespread और भरी नुकसान पहुंचाने वाली fungal disease है जो पौधों के एक बड़े ग्रुप को अपना निशाना बनाती है। ये एक soilborne यानी मिट्टी जनित फंगस से फैलती है जिसका नाम है Fusarium oxysporum (फ्यूजेरियम ऑक्सिस्पोरम) और य पौधों का एक ऐसा शत्रु है जो मिट्टी में सालों तक पड़ा रह कर अपने शिकार का इंतजार करता रहता है। यानी कि जब तक इसके पास इसका खाना यानी नाजुक पौधे ये सीडलिंग्स न आए ये inactive stage में वहां पड़ा रहता है। और जैसे ही एक उचित शिकार यानी कि पौधा इसके संपर्क में आता है य अपना अटैक शुरू कर देता है।
Commonly Affected Plants By Fusarium Wilt. | किन फसलों को बनाता है अपना निशाना?
ऐसे तो ये फंगस लगभग हर तरह के पौधों को अनुकूल परिस्थिति में अपना निशाना बनाने का माद्दा रखता है पर कुछ पौधे या फसलें ऐसी हैं जिनको ये खासतौर से अपना निशाना बनाता है:-
- Tomatoes
- Peppers
- Eggplant/Brinjal
- Melons
- Legumes; और
- Bananas.
किसी भी फंगस को पनपने के लिए high temperature और high relative humidity जरूरी होती है। और जैसे ही ऐसी कंडीशंस कहीं पर भ बनती हैं तो फंगस अपना अटैक शुरू कर देता है। बरसात के शुरुआती दिनों में हव में relative humidity काफी ज्यादा बढ़ जाती है और जैसे ही कभी भी तापमान 35 डिग्री सेल्सियस के आस पास जाता है तो फंगस पौधों पे अपना अटैक शुर कर देता है।
हाई टैक फार्मिंग जैसे कि नेट हाउस या पॉलीहाउस में इस तरह की स्थिति आमतौर पर बनती रहती है और यही वजह है कि पॉलीहाउस में जो बिना बीज वाला खीरा लगता है उसमें फ्यूजेरियम विल्ट का प्रकोप आमतौर पर दिखता ही है। और इससे किसान भाइयों का काफी ज्याद नुकसान भ होता है।
How Does Fusarium oxysporum Works? | फ्यूजेरियम ऑक्सिस्पोरम कैसे काम करता है?
- सबसे पहले फ्यूजेरियम ऑक्सिस्पोरम फंगस पौधों की जड़ों में कोई कट या घाव ढूंढता है कि जिसके जरिए वो पौधों में एंट्री कर सके।
- ऐसे कट या इंजरी या तो कल्टीवेशन प्रैक्टिसेज के दौरान होती हैं या फिर किसी नेमाटोड (Nematode) के द्वारा किए गए घाव या इंजरी से एंट्री करता है।
- एंट्री करने के बाद ये पौधे के वैस्कुलर सिस्टम को ब्लॉक कर देता है जिसके जरिए पौधे को खाना यानी न्यूट्रिएंट्स या पानी मिलता है।
- पौधे की सेल्स में ये बड़ी तेजी ग्रो करना शुरू करता है और वहां पर क्लॉगिंग करके पौधे की जरूरी ट्यूब्स को ब्लॉक कर देता है।
- इससे पौधा कमजोर होना शुरू हो जाता है और धीरे धीरे पौधा विल्टिंग के सिम्पटम्स दिखाना शुरू करता है।
Symptoms Of Fusarium Wilt.
- फ्यूजेरियम ऑक्सिस्पोरम की वजह से पहला जो सिंपटम दिखाई देता है वो है विल्टिंग। और ये विल्टिंग भी कुछ खास तरह की होती है जो दिन के गर्म समय में दिखाई देती है पर रात होते होते ये रिकवर भी कर जाति है।
- पर अगर इसका प्रकोप ज्यादा हो तो ये परमानेंट भी हो जाती है और ऐसी स्थिति में पौधा जल्दी ही मर भी जाता है।
- इसके बाद की स्थिति में पौधे की नीचे की पत्तियां पीली पड़नी शुरू हो जाती हैं। और खास बात ये है कि ये पौधे के एक तरफ ही ज्यादा होती हैं।
- और इसके बाद पूरा पौधा पीला पड़ना शुरू हो जाता है। और इस पीलेपन में कोई पैटर्न बनता हुआ दिखाई नहीं देता और इसकी ग्रोथ पौधे पर uneven होती है।
- अगर इस बीमारी का समय रहते कोई उपाय नहीं किया जाए तो ये पीलापन पौधे के तने पर भी आ जाता है और ये एक भयानक स्थिति होती है जिसमें पौधे का रिकवर करना काफी ज्यादा मुश्किल होता है।
- पौधे के तने में ब्राउन स्ट्रीक या धारियां साफ दिखाई देती हैं।
- और ऐसी स्थाई में पौधे की ग्रोथ बिलकुल रुक जाती है और पौधा बोना दिखाई देने लगता है।
Control Measures OF Fusarium Wilt.
- प्रतिरोधी किस्मों का चयन (Use Resistant Varieties): ऐसी फसल किस्मों को चुनें जिनमें फ्यूजेरियम विल्ट के प्रति सहनशीलता हो। और ये इसका सबसे प्रभावशाली नियंत्रण भ है। कोशिश करें कि किसी एक्सपर्ट से आप इसकी सलाह जरूर लें।
- खेत की स्वच्छता बनाए रखें : खेत में पुराने पौधों के अवशेष नष्ट कर दें . इससे फफूंद पनपने में रूकावट होती है।
- किसी भी तरह की फंगस को कंट्रोल करने के लिए बीज उपचार बेहद जरूरी है और अगर बीज उपचार सही तरीके से हो जाए तो फंगस का अटैक शुरुआत में ही खत्म हो जाता है।