बैंगन की फसल (Brinjal Crop)
उत्पत्ति (Origin):
बैंगन की उत्पत्ति भारत और इसके आस-पास के क्षेत्रों में मानी जाती है। इसे भारतीय मूल की सबसे पुरानी सब्जियों में से एक माना जाता है। यह पूरे एशिया, अफ्रीका और यूरोप में व्यापक रूप से उगाया जाता है।
फल का प्रकार (Type of Fruit):
बैंगन का फल एक बेरी (Berry) प्रकार का होता है, जो मांसल और कई बीजों वाला होता है। इसके आकार और रंग में विविधता होती है, जो छोटे, गोल, लंबे और बैंगनी, हरे, सफेद रंगों में आते हैं।
उपज क्षमता (Yield Potential):
सही कृषि तकनीकों और कीटों से बचाव के साथ, बैंगन की फसल प्रति हेक्टेयर 30-40 टन तक की उपज दे सकती है। फसल की पैदावार जलवायु, मिट्टी की स्थिति और देखभाल पर निर्भर करती है।
बैंगन की खेती में कई कीटों का प्रकोप होता है, जो उपज को नुकसान पहुंचाते हैं। यहां प्रमुख कीटों का वर्णन किया गया है:
1. शूट और फल बेधक (Shoot and Fruit Borer) (Leucinodes orbonalis)

यह कीट बैंगन के फल और पौधे की शाखाओं को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाता है। इससे उपज में भारी कमी आती है।
- प्रभाव (Damage): कीट पौधारोपण के तुरंत बाद से फलों में छेद कर नुकसान पहुंचाता है और यह प्रक्रिया कटाई तक चलती रहती है।
- अंडे (Eggs): मादा कीट पत्तियों की निचली सतह, फूलों की कलियों और छोटे फलों पर अंडे देती है।
- लार्वा (Larvae): गुलाबी रंग का लार्वा पौधे की शाखाओं में छेद करता है, जिससे शाखाएं सूख जाती हैं। बाद में यह फलों में छेद कर अंदर से खाता है, जिससे फल खराब हो जाते हैं।
- नियंत्रण (Control): प्रभावित हिस्सों को काटकर नष्ट करना चाहिए। कार्बरिल (0.1%) या साइपरमेथ्रिन (0.5 मि.ली./ली. पानी) का छिड़काव करें।
2. पत्तियों को खाने वाला बीटल (Leaf Eating Beetle) (Epilachana vigintioctopunctata)

यह कीट पौधे की पत्तियों और कोमल भागों को खाकर नुकसान पहुंचाता है।
- प्रभाव (Damage): पत्तियां केवल शिराओं का ढांचा छोड़कर पूरी तरह से नष्ट हो जाती हैं।
- नियंत्रण (Control): प्रभावित पत्तियों को इकट्ठा कर नष्ट करें। मेटाथियॉन (2 मि.ली./ली. पानी) या कार्बरिल (2-4 ग्राम/ली. पानी) का छिड़काव करें।
3. जैसिड्स (Jassids) (Amrasca biguttula biguttula, Cestius (Hishimonus) phycitis)

यह कीट पौधे की पत्तियों से रस चूसकर नुकसान पहुंचाते हैं।
- प्रभाव (Damage): पत्तियां पीली हो जाती हैं और उन पर जले हुए धब्बे दिखाई देते हैं।
- नियंत्रण (Control): मेटाथियॉन (0.1%) या डाइक्लोर्वोस (0.05%) का छिड़काव करें।
4. लीफ रोलर (Leaf Roller) (Eublemma olivacea)

यह कीट पत्तियों को मोड़कर अंदर से क्लोरोफिल खाता है।
- प्रभाव (Damage): मुड़ी हुई पत्तियां सूख जाती हैं।
- नियंत्रण (Control): प्रभावित पत्तियों को इकट्ठा कर नष्ट करें और कार्बरिल (0.1%) या मेटाथियॉन (0.05%) का छिड़काव करें।
5. लाल मकड़ी माइट (Red Spider Mite) (Tetranychus neocaledonicus, Tetranychus cinnabarinus, Paratetranychus indicus)
यह कीट बैंगन की फसल पर सफेद जाली बनाकर कॉलोनियों में रहते हैं और पत्तियों से रस चूसते हैं।
- प्रभाव (Damage): पत्तियां भूरे रंग की हो जाती हैं और गिरने लगती हैं।
- नियंत्रण (Control): डाइकोफॉल (0.05%) और गीला सल्फर (0.3%) का छिड़काव करें। प्रभावित भागों को इकट्ठा कर जलाएं।
6. मीली बग (Mealy Bug) (Centrocccus insolitus)

यह कीट पौधे के पत्तियों, कोमल शाखाओं और फलों से रस चूसकर नुकसान पहुंचाता है।
- प्रभाव (Damage): पत्तियां मुड़ जाती हैं और काले फफूंद से ढक जाती हैं। फलों पर कीट का प्रकोप होने से फल गिर सकते हैं या सूख सकते हैं।
- नियंत्रण (Control): डाइक्लोर्वोस (0.02%) या क्लोरपाइरिफॉस (0.05%) का छिड़काव करें।
7. लेस विंग बग (Lace Wing Bug) (Urentius hystricellus)

यह कीट मुख्यतः गर्मियों में बैंगन की फसल पर प्रकोप करता है।
- प्रभाव (Damage): पत्तियां पीली हो जाती हैं और कीट के मल से ढक जाती हैं।
- नियंत्रण (Control): फॉस्फेमिडॉन (0.03%) का छिड़काव करें।
8. रूट-नॉट निमेटोड्स (Root-Knot Nematodes) (Meloidogyne incognita, Meloidogyne javanica)

यह कीट जड़ों पर गांठों का निर्माण करता है और पौधे को बौना बना देता है।
- प्रभाव (Damage): पौधों की बढ़वार रुक जाती है और फल कम लगते हैं।
- नियंत्रण (Control): फसल चक्रीकरण और निमेटोड प्रतिरोधी फसलों की खेती से प्रकोप कम होता है।