Introduction:
दोस्तों, मार्च का महीना शुरू होने वाला है और इसके बाद उत्तर भारत में सर्दियां भी कम होनी शुरू हो जाएंगी। और जैसे ही तापमान 🌡️ बढ़ना शुरू होगा ऐसे ही किसानों के खेतों में नई नई सब्जियां भी लगनी शुरू हो जाएंगी।
आइए जानते हैं कि मार्च के महीने में सब्जियों की पौध उगाते समय किन किन बातों को ध्यान में रखा जाए?
तापमान बढ़ने से रस चूसने वाले कीड़ों का बढ़ सकता है खतरा।
जब तक तापमान कम रहता है तो पौधों की वेजिटेटिव ग्रोथ भी कम रहती है। नई पत्तियां नहीं बन पाती और पौध थोड़ा कठोर होना शुरू हो जाता है।
क्योंकि पौधों पर लगने वाले कीड़े, और खास तौर से रस चूसने वाले कीड़े नई पत्तियां को खाना पसंद करते हैं इसीलिए नई पत्तियां ना होने की वजह से उनकी पॉपुलेशन भी कम हो जाती है।
इसीलिए जैसे ही मार्च का महीना शुरू हो और तापमान बढ़ने लगे तो आप पहले से ही रस चूसने वाले कीड़ों के प्रति सावधान हो जाएं।
सफेद मक्खी (White Fly) और इस वर्ग के कीड़ों से रहें सावधान।
सफेद मक्खी और इस वर्ग के और कीड़े तापमान में बढ़ोतरी होते ही एक्टिव होने शुरू हो जाते हैं। इनमें सफेद मक्खी के अलावा Aphids, Thrips, Mites और Plant hoppers मुख्य रूप से होते हैं। ये साइज में काफी ज्यादा छोटे और रस को चूसने में काफी माहिर होते हैं।
ये पौधों से रस चूंसकर इनको कमजोर बना देते हैं। और अटैक वाली जगह पर ये एक चिप छिपा पदार्थ छोड़ते हैं जिसे Honeydew कहा जाता है। जो स्वाद में मीठा होता है। और इसका यही मीठापन दूसरे फंगस को अटैक वाली जगह पर अट्रैक्ट करता है और पौधों पर दूसरे इन्फेक्शन को भी बढ़ावा देता है।
इसका अलावा इनका एक बड़ा खतरा ये भी है कि ये बहुत सारे प्लांट वायरस के लिए एक करियर का काम भी करते हैं। यानी इनके जरिए वायरस एक पौधे से दूसरे पौधे पर आसानी से चले जाते हैं और इनका अटैक किसान के पूरे खेत में फेल जाता है।
फंगस से होने वाली बीमारियों से भी रहें सतर्क।
दोस्तों, फंगस और पौधों का गहरा रिश्ता है और बिना फंगल कंटामिनेशंस के पौधे का जीवन चक्र पूरा हो जाए ऐसा कम ही मुमकिन है। और फंगस की पौधों पे ग्रोथ के लिए 2 चीजें बेहद जरूरी हैं:
- 1) High Temperature; and
- 2) High Relative humadity
इसीलिए जब-जब high temperature और high relative humadity एक साथ होती हैं तो फंगल ग्रोथ शुरू हो जाती है। और मार्च का महीना शुर होते ही तापमान एक दम से बढ़ना शुर हो जाता है और ऐसे में अगर हवा की नमी यानी आर्द्रता भी बढ़ जाए तो फिर फंगल अटैक शुरू हो जाता है।
इसीलिए मार्च के महीने में फंगस से होने वाले नुकसान से भी सावधान रहें। इसके लिए पौध में पानी कोशिश करें कि सुबह ग्यारह बजे से पहले ही खतम कर लें। और शाम को अगर पानी की जरूरत पड़े तो साढ़े तीन बजे के बाद ही देने की कोशिश करें।
बेल वाली सब्जियों में कम नाइट्रोजन वाले फर्टिलाइजर्स का करें इस्तेमाल।
पौधों के लिए ऐसे तो 17 जरूरी न्यूट्रिएंट्स की जरूरत होती है। पर इनमें से 3 न्यूट्रिएंट्स काफी ज्यादा जरूरी हैं जैसे नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम। नाइट्रोजन एक ऐसा एलिमेंट है जिसकी वजह से पौधों की ग्रोथ काफी तेजी से होती है। और खास तौर से वेजिटेटिव ग्रोथ।
पर अगर इसका इस्तेमाल ज्यादा मात्रा में किया जाए तो इससे पौध में हाइट बढ़ने और तना कमजोर होने की समस्या हो सकती है। इसीलिए नाइट्रोजन के ज्यादा इस्तेमाल से परहेज़ करना चाहिए और अच्छे साल्ट वाले फर्टिलाइजर्स ही इस्तेमाल करने चाहिए जैसे कोरोमंडल या यारा फर्टिलाइजर्स आदि।
Conclusion:
मार्च के महीने में अगर आप इन बातों का कुल रखेंगे तो आपकी पौध को काफी ज्यादा फायदा होगा और आप एक अच्छी किस्म की पौध भी तैयार कर पाएंगे। और अगर आपकी पौध की गुणवत्ता बेहतर होगी तो आपकी मुख्य फसल भी बेहतर हो जायेगी।
सही समय पर सही फंगीसाइड और सही कीटनाशक का इस्तेमाल आपको कई परेशानियों से बचा सकता है। कोशिश करें कि आप हल्के केमिकल का इस्तेमाल पहले करें और उसके बाद थोड़े हार्ड केमिकल की तरफ जाएं।
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