Introduction:
दोस्तों, चाहे आप पौध उत्पादन का कार्य खुले में करते हैं या protected structure (संरक्षित क्षेत्र) में, दोनों जगह कीट (insects) आपकी सबसे बड़ी समस्या बनते होंगे।
ये कीट आपकी सारी जमी हुई मेहनत पर आखरी वक्त में पानी फेर देते हैं, और आपकी पौध को अंत में जा कर बिलकुल बर्बाद कर सकते हैं। कई बार तो आप चाह कर भी इनसे नहीं बच पाते। और फंगस के बाद पौध में नुकसान की ये दूसरी बड़ी वजह है।
आईये, समझते हैं आज के इस ब्लॉग में पौध में लगने वाले इन कीटों (insets) के बारे में।
कितने तरह के होते हैं पौध में लगने वाले Insects?
ऐसे तो पौध या पौधों पर काफी तरह के insects लगते हैं जो हमारी पौध और फसलों directly या indirectly नुकसान पहुंचाते हैं। पर इनमें से 2 categories ज्यादा अहम हैं:
1. रस चूसने वाले कीट:
ये ऐसे insects होते हैं जो पेड़ के पत्तों से उनका रस चूस कर या यूं कहें कि उनका खून चूस कर नुकसान पहुंचाते हैं। इनको sucking pest भी कहा जाता है। और ये पत्तों के पीछे की तरफ आमतौर पर छिप कर खाते हैं।
Eg: White Fly, Aphids, Jassids, Thrips, Mites and Hoppers etc.
2. पत्तों को चबाने वाले कीट:
जैसा कि इनके नाम से ही पता चल रहा है कि ये ऐसे कीट (insects) होते हैं जो पेड़ के पत्तों को चबा चबा कर खाते हैं। ये पत्तियों के दोनों तरफ खाते हैं। और ये कीट काफी तेज गति से पौधों की पत्तियों को चट कर जाते हैं। और इससे पौधा defoliate नज़र आता है।
Eg: Larva (सुंडी), Grass hoppers, Termites and Beetle etc.
क्या होता है Neem Oil? (What Is Neem Oil?)
नीम ऑयल यानी नीम का तेल नीम के पेड़ की गुठलियों (kernel) से निकाला जाता है। नीम का पेड़ यानी Azadirachta indica, Indian subcontinent से इजाद हो कर दुनिया के बाकी हिस्सों तक फेल गया।
ये एक pungent smell और स्वाद में कड़वा होने की वजह से agriculture, skin care, haircare और dental care में काफी इस्तेमाल किया जाता है। खेती में इसके बहुत सारे फायदे हैं। और इसे पुराने समय से ही फसलों में कीट (insects) को मार भगाने के लिए लिए किया जाता है।
खेती में कैसे होता है इस्तेमाल?
खेती में नीम के तेल को इसके triple action के लिए जाना जाता है। और इसके ये तीन एक्शन हैं:
1. Insecticide | to control insects |
2. Fungicide | to control fungus |
3. Miticide | to control mites |
Neem Oil As Insecticide:
नीम के तेल खेती में पुराने समय से ही इस्तेमाल किया जाता आ रहा है। क्योंकि इसके पंजेंट स्मेल और कड़वा स्वाद या तो insects को दूर भगाता है या मार देता है। इसके nature Broad Spectrum होता है। यानी ये एक से ज्यादा तरह के कीड़ों को मरता है। ये रस चूसने वाले कीड़े जैसे- White fly, Aphids, Mites, Thrips आदि को भी कंट्रोल कर सकता है।
और ये पत्तियों को चबा चबा कर खाने वाले कीड़ों को भी कंट्रोल करने की ताकत रखता है। जैसे- Larva (सुंडी), Grass hoppers, Termites and Beetle आदि।
ये इन कीड़ों की 600 से ज्यादा प्रजातियों को फसलों में कंट्रोल कर सकता है। Insects की मुख्य रूप से 4 stages होती हैं:
EGGS (अंडे) |
LARVA (सुंडी) |
PUPA (प्यूपा) |
ADULTS (वयस्क) |
फसलों पे इस्तेमाल होने वाले बहुत कम ऐसे कीटनाशक होते हैं जो इन सभी stages पर एक साथ असर करें। कुछ eggs को मारते हैं, कुछ सुंडी को, कुछ pupa को तो कुछ adults को।
पर नीम तेल (oil) की ये खास बात है कि ये insects की सभी stages पर एक साथ काम करता है। और ये इसका एक बहुत बड़ा फायदा है। हम इसका इस्तेमाल हर फसल और हर stage पर कर सकते हैं।
इसके अलावा जब हम कोई केमिकल अपनी फसल के ऊपर स्प्रे करते हैं तो इससे कई बार तो हमारी फसल पर भी toxicity आ जाती है। या फिर वो micro-organisms जो हमारे लिए फायदेमंद होते हैं वो मर जाते हैं। फिर Neem oil के case में ऐसा नहीं है। इसके इस्तेमाल से ladybugs, ladybird beetle और honeybees जैसे natural polinators को ज्यादा नुकसान नहीं होता है।
Neem Oil As Fungicide:
नीम के तेल को हम सिर्फ एक कीटनाशक की तरह ही ज्यादा जानते थे। पर इसका anticeptic nature इसे fungus के खिलाफ भी उतना ही effective बनाता है। इसे pure fungicide की तरह तो नहीं, पर इसका इस्तेमाल हम powdery mildew, rust, leaf spots और wilts के against कर सकते हैं।
इसके साथ ही पौधों की immunity को भी बेहतर करता है। और पौधों को बीमारियों से बचाता है।
Neem Oil As Miticide:
संरक्षित खेती में mites की समस्या आमतौर पर होती है। और अगर एक बार mites पौधों पर आ जाएं तो फिर इनको रोक पाना बेहद मुश्किल होता है।और इनसे हमारी फसलों को काफी नुकसान पहुंचता है। Mite पौधों पर लगने वाला एक छोटा से कीट होता है। जो हमें हमारी नंगी आंखों से दिखाई नहीं देता पर ये पौध और फसलों में काफी नुकसान पहुंचत है।
क्या होते हैं Miticides?
ये ऐसे chemicals होते हैं जिनको खासतौर से mites को मारने के लिए ही इस्तेमाल किया जाता है। और ये broader कैटेगरी के acaricide ग्रुप से belong करते हैं। और फसलों में mites को कंट्रोल करने लिए इसको इस्तेमाल किया जाता है। ये मुख्य रूप से 3 तरह के होते हैं:
- Contact Poisons
- Systemic miticides; and
- Oviforms.
Neem Oil को दूसरे कीटनाशकों के साथ मिलाकर भी कर सकते हैं इस्तेमाल।
नीम तेल की एक खास बात ये भी है की इसे आप किसी भी और कीटनाशक, फंगीसाइड, micro nutrients या plant growth regulators के साथ भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
अगर फसलों में thrips की समस्या है तो आप इसे Oberon या Omite के साथ भी मिला कर इस्तेमाल कर सकता हैं। इससे ना सिर्फ पौधों को नीम तेल के फायदे मिलेंगे। बल्कि उस दवा का असर भी काफी बढ़ जाता है।
Black Thrips पर भी दिखता है इसका असर।
हाल के दिनों में ब्लैक थ्रिप्स जिसे European Thrips भी कहा जाता है काफी चर्चाओं में रहा। इस कीड़े ने मिर्च और शिमला मिर्च में भरी तबाही मचाई थी। ये कीट फूल के भीतर छिपकर हमला करता है जिससे इसे कंट्रोल करना काफी मुश्किल होता है। और इससे किसानों की फसलों में 100% तक नुकसान दर्ज हुआ है। खासतौर से उन areas में जहा सब्जी ज्यादा लगाई जाती है।
इसको कंट्रोल करने के लिए बहुत सारे कीटनाशकों का इस्तेमाल हुआ है। और हद से ज्यादा भी हुआ है। वेस्ट बंगाल में किसानों का यहां तक कहन है की इस कीट को काबू करने के लिए उन्होंने एक फसल पर 7 से 10 अलग अलग टेक्निकल भी इस्तेमाल किए पर ज्यादा असर नहीं हुआ।
पर अगर Neem Oil का इस्तेमाल आप अपने फसलों पर लगातार करते हैं। या Neem Oil को दूसरे केमिकल्स के सात मिला कर इस्तेमाल करते हैं तो, इससे इस ब्लैक थ्रिप्स पर भी असर होता है।
Conclusion:
तो, अब तक की इस तमाम गुफ्तगू का निचोड़ ये है कि अगर आप Neem Oil का इस्तेमाल लगता अपनी फसलों या पौध पर करते हैं तो ये फसलों को लगभग सभी तरह के insects से महफूज रखता है। इसके अलावा इसके इस्तेमाल से पौधों में resistance की समस्या भी नहीं आती। इसे किसी भी और दवा के साथ मिलाकर इस्तेमाल किया जा सकता है।