WhatsApp Group Join Now
Telegram Channel Join Now
Instagram Profile Follow Me

कोलकाता स्थित बोस इंस्टीट्यूट के प्रोफेसर अनिर्बान भुनिया और उनकी टीम ने अल्ज़ाइमर रोग और अन्य न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारियों के इलाज के लिए नई और प्रभावी तकनीकों पर शोध किया है। उनका यह अध्ययन विशेष रूप से एमिलॉयड प्रोटीन पर केंद्रित है, जो इस बीमारी की मुख्य वजह माने जाते हैं।


एमिलॉयड प्रोटीन और अल्ज़ाइमर रोग

अल्ज़ाइमर रोग में एमिलॉयड प्रोटीन मस्तिष्क में जमा होकर प्लाक्स (plaques) बनाते हैं। ये प्लाक्स कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे स्मृति (याददाश्त) कमजोर होने लगती है और रोगी की मानसिक स्थिति बिगड़ती जाती है।


इलाज के लिए नई तकनीकें

प्रोफेसर भुनिया की टीम ने अल्ज़ाइमर के इलाज के लिए दो मुख्य रणनीतियां अपनाईं:

  1. रासायनिक रूप से संश्लेषित पेप्टाइड्स: इनका उद्देश्य एमिलॉयड बीटा प्रोटीन के जमाव को रोकना है।
  2. लसुनाद्य घृत (LG): एक प्राचीन आयुर्वेदिक दवा का उपयोग कर एमिलॉयड बीटा प्रोटीन के जमाव को कम करना।

लसुनाद्य घृत (LG) का महत्व

लसुनाद्य घृत आयुर्वेद में मानसिक रोगों के इलाज के लिए जानी जाती है। इस शोध में पाया गया कि इसके प्राकृतिक, गैर-विषैले तत्व एमिलॉयड प्रोटीन की संरचना को तोड़ने और ओलिगोमर्स बनने से रोकने में मदद करते हैं।


शोध के नतीजे

यह अध्ययन ‘बायोकैमिस्ट्री’ जर्नल में प्रकाशित हुआ। इसमें यह सामने आया कि रासायनिक पेप्टाइड्स और आयुर्वेदिक दवाओं का संयोजन एमिलॉयड प्रोटीन को रोकने में प्रभावी और सुरक्षित साबित हो सकता है।


अल्ज़ाइमर के लक्षण और असर

शुरुआती लक्षण:

  • हाल की घटनाएं याद रखने में कठिनाई
  • रोजमर्रा के कामों में परेशानी
  • डिप्रेशन और चिड़चिड़ापन

बढ़ते लक्षण:

  • परिवार और दोस्तों को पहचानने में असमर्थता
  • स्वभाव में बदलाव

उपचार से जुड़ी उम्मीदें

शोधकर्ताओं का मानना है कि आयुर्वेदिक उपचार के साथ रासायनिक पेप्टाइड्स के इस्तेमाल से अल्ज़ाइमर और अन्य न्यूरोडीजेनेरेटिव रोगों के इलाज में क्रांतिकारी बदलाव हो सकता है। यह शोध न केवल रोगियों की जिंदगी बेहतर बना सकता है, बल्कि भविष्य में नई दवाओं का आधार भी बन सकता है।

By Wasim Ilyas Akram

दोस्तों, मैं एक एग्रीकल्चर ग्रेजुएट हूं और पिछले लगभग 5 सालों से मैं किसान समुदाय के लिए काम कर रहा हूं। मैंने Centre Of Excellence For Vegetables, Gharaunda में नर्सरी एक्सपर्ट के पद पे कार्य किया है और पौध उत्पादन में करीब 5 साल दिए हैं। इसके अलावा हमारा एक YouTube चैनल AAS TV के नाम से है, जिसपे हम लगातार videos की शक्ल में खेती से जुड़ी उन्नत जानकारी साझा करते हैं। आप भी हमारे साथ इस मुहिम में आज़ ही जुड़िए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

सरसों के तेल के ये 7 फायदे जानकर आप रह जायेंगे हैरान|  Who was Ustaad Zakir Hussain? पौधों के लिए एक अमृत की तरह है मल्टीप्लेक्स कंपनी का जनरल लिक्विड| क्या है ‘व्हाइट रिवोल्यूशन 2.0’ और कैसे ये महिलाओं को बनाएगा सशक्त? मसालों की लिस्ट में अगर नहीं है हल्दी, तो रह जाओगे काफी फायदों से महरूम| खाली पेट बादाम खाने के हैं बेशुमार फायदे, अभी डाइट में करें शामिल| सेहत का खज़ाना है ब्रसेल्स स्प्राउट्स (Brussels Sprouts), फायदे जानकर आप भी रह जायेंगे हैरान| “Women’s T20 World Cup 2024: Soaring to New Heights in Cricket!” इंडिया में खाए जाने वाले 5 मुख्य ट्रेडिशनल डिशेज, आपकी पसंदीदा कौनसा है? कौनसे हैं दुनिया के 5 सबसे ज्यादा जहरीले सांप? जानकर रह जायेंगे हैरान!