दोस्तों, कोई भी फसल लगाने से पहले प्लांटिंग मैटीरियल जैसे, बीज या पौध हमारी प्लानिंग का पहला कदम होना चाहिए। और ये कदम जितना बेहतर और पुख्ता होगा, हमारी होने वाली फसल उतनी ही बेहतर और प्रोडक्टिव होगी।
अगर आप पौध से खेती करते हैं तो फिर कुछ हद तक आपको बचाव मिल जाता है। पर बीज से अगर आप फसल लगा रहे हैं या पौध तैयार कर रहे हैं, तब आपको फंगस और दूसरी बीमारी फैलाने वाले पैथोजेंस (pathogens) से सावधान रहना पड़ेगा।
और इस समस्या से आपको निजात दिलाता है, Seed Treatment यानी बीज उपचार।
क्या होता है बीज उपचार (Seed Treatment)?
“किसी कैमिकल सब्सटेंस को बीज के साथ मिलाना या परत चढ़ा देना ताकि जब बिजाई के दौरान बीज ज़मीन में जाए और किसी फंगस, बीमारी या मौसमी स्ट्रेस में आए तो बीज उससे लड़कर अच्छा और इकोनॉमिक जर्मिनेशन दे सके।”
बीज उपचार के ऐसे तो कई तरीके हैं, पर इनमें से कुछ खास हैं, जैसे:
- Fungicide से बीज उपचार:
हमारी धरती के अंदर जहां फायदेमंद चीज़ें हैं, वहीं नुकसान देने वाली चीजें भी हैं। और फंगस यानि फफूंद उनमें से मुख्य है। जैसे:
- Anthracnose
- Fusarium
- Rhizoctonia
- Powdery mildew etc.
फंगस के छोटे-छोटे spores हमारे पौधों के आसपास हमारे वातावरण में चारों तरफ फैल होते हैं। इनको नंगी आंखों से देख पाना काफी मुश्किल है। यह अपना खाना तलाश करने के लिए इधर-उधर उड़ते फिरते हैं। और जैसे ही उनके कांटेक्ट में बीज या फिर नई लगाई हुई पौध आती है यह उस पर चिपक जाते हैं और उसे खाना शुरू कर देते हैं।
इसके बाद यह बहुत तेज गति से मल्टिप्लाई होते हैं और अपनी जनसंख्या बहुत तेज गति से बढ़ते हैं। यह हवा के माध्यम से एक पौधे से दूसरे पौधे पर बड़ी आसानी से चले जाते हैं। और नए पौधों को भी अपनी गिरफ्त में ले लेते हैं। ऐसी स्थिति में इनसे बचपना फिर काफी मुश्किल हो जाता है।
इसलिए इन फंगल बीमारियों से बचने के लिए बीज को किसी contact या systemic fungicide से उपचारित करना पड़ता है। कांटेक्ट Fungicides बीज की सतह पर चिपक जाते हैं। और बीज के ऊपर चिपकने वाले फंगस को बड़ी आसानी से काबू कर लेते हैं। पर यह उस फंगस को नहीं मारते जो बीज के अंदर छिपा होता है।
और फिर ऐसे फंगस को कंट्रोल करने के लिए systemic fungicide का इस्तेमाल किया जाता है। यह अगर बीज की सतह पर भी पड़ते हैं तब भी बीज के अंदर जाकर अपना असर दिखाते हैं।
2. Insecticide से बीज उपचार:
ज़मीन के अंदर बीमारी फैलाने वाले कुछ इंसेक्ट्स का ग्रुप होता है जैसे: दीमक, बीटल्स व नीमेटोड्स। जो या तो बीज को ही उगने से पहले खत्म कर देते हैं या उगने बाद जड़ों को काट देते हैं।
ऐसे इंसेक्टस से अपने बीज और फसल को बचाने के लिए हम Insecticide से बीज उपचार करते हैं। यह केमिकल्स बीज के साथ मिलकर इसका स्वाद कड़वा कर देते हैं जिससे कोई भी कीड़ा बीज के ऊपर नहीं लग पाता।
कुछ कीटनाशक ऐसे भी होते हैं जो बीज के साथ मिलकर बीज की जर्मिनेशन की गति को बढ़ा देते हैं। और ऐसे में हमें दोहरा फायदा होता है हमारा बीज कीड़ों से भी बच जाता है। और इसका जर्मिनेशन भी बेहतर हो जाता है।
3. बैक्टिरियल कंट्रोल एजेंट्स:
बैक्टीरिया 🦠 के कई ग्रुप ऐसे हैं जो बीज के ऊपर पनपते हैं और इन्हें सीड बॉर्न बैक्टीरिया कहते हैं। और ये भी हमारी फसलों को काफी ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं।
इनसे बचने के लिए हम अपने बीज को इन एजेंट्स से उपचारित करते हैं, ताकि हमारी मुख्य फसल बैक्टिरियल कंटामिनेशंस से बची रहे।
आमतौर पर बीज बनाने वाली कंपनियां जब कोई बीज तैयार करती है और उसकी पैकिंग करती है। तो पैकिंग करने से पहले वह बीज उपचार जरूर करती है। और इसके बाद किस तरह से बी का रखरखाव करना है और किस तरह से इसे उपयोग करना है यह सभी दिशा निर्देश बीज के पैकेट के ऊपर बताए जाते हैं।
पर हम आमतौर पर हम इन दिशा निर्देशों का पालन नहीं करते हैं और बीज खरीदते ही उसे अपनी गाड़ी में रख देते हैं। और गाड़ी को धूप में खड़ी कर देते हैं जिससे गाड़ी के भीतर का तापमान कई बार 70 डिग्री सेल्सियस तक चला जाता है। और इससे बीज खराब होने का चांस बन जाता है।
बीज उपचार के फायदे:
- बीज उपचार से जहां एक तरफ हमारी फसल कई बीमारियों से बच जाती है वहीं दूसरी तरफ इससे बीज का germination यानी जमाव भी काफी बढ़ जाता है।
- इससे मजबूत पौध तैयार होती है जो आगे चलकर एक स्वस्थ फसल तैयार करने में सक्षम है। और इससे किसान की पैदावार काफी बढ़ जाती है।
- बीज आपकी मुख्य फसल की नींव होता है, और अगर आपने बीज उपचार सही समय और सही तरीके से किया है तो आपको फिर मुख्य फसल पर पेस्टीसाइड्स का इस्तेमाल कम करना पड़ेगा।
FIR वाले तरीके का इस्तेमाल करें।
दोस्तों, ये एक पैटर्न है और अगर आप इस पैटर्न में बीज उपचार करेंगे तो आपको काफी फायदा मिलेगा। तो आखिर क्या है ये FIR?
- F: Fungicide; I: Insecticides and R: Rhizobium
- बीज उपचार में मुख्य रूप से ये तीन कॉम्पोनेंट्स इस्तेमाल होते हैं।
- फंगिसाइड के इस्तेमाल से हम बीज और मिट्टी में पनपने वाले फंगस को कंट्रोल कर सकते हैं।
- इंसेक्टिसाइड के इस्तेमाल से हम दीमक, बीटल और ज़मीन में पनपने वाले कीड़ों से अपने बीज को महफूज़ कर सकते हैं।
- और Rhizobium कल्चर, बीज की सतह पर फेल कर मिट्टी में पहले से ही मौजूद न्यूट्रिएंट्स जैसे फॉस्फोरस, बीज के साथ मिलकर बीज की उपजाऊ शक्ति को बढ़ा देता है।
- अगर आप ये तीनों कॉम्पोनेंट्स इस्तेमाल करें तो पहले फंगीसाइड, फिर इंसेक्टिसाइड और आखिर में राइजोबियम कल्चर का इस्तेमाल करें।
- इन्हें “FIR” के ऑर्डर में ही इस्तेमाल करें।
तो किसान भाइयों, इस तरह से आप सही समय और सही तरीके से बीज उपचार करके अपनी फसलों को कई बीमारियों से बचा सकते हैं। और अपनी पैदावार को कई गुना अधिक बढ़ा सकते हैं।
इस कांसेप्ट को बेहतर ढंग से समझने के लिए, आप दी गई वीडियो को देख सकते हैं। और दूसरे खेती से जुड़ी अधिक जानकारियों के लिए, आप हमारे चैनल को विजिट करके और वीडियो देख सकते हैं।