"हम तुम्हें यूं भुला ना पाएंगे  जाकिर हुसैन|

"हम तुम्हें यूं भुला ना पाएंगे  जाकिर हुसैन|

जन्म और परिवार : उस्ताद ज़ाकिर हुसैन का जन्म 9 मार्च 1951 को मुंबई में हुआ। वे प्रसिद्ध तबला वादक उस्ताद अल्ला रक्खा के पुत्र हैं, जो खुद भी एक महान संगीतकार थे

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संगीत में करियर : ज़ाकिर हुसैन ने 12 साल की उम्र से संगीत में करियर शुरू किया और धीरे-धीरे विश्व स्तर पर अपनी पहचान बनाई। उन्होंने विभिन्न शैलियों के संगीतकारों के साथ काम किया और 1970 के दशक में अमेरिका में अपनी लोकप्रियता बढ़ाई

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पुरस्कार और सम्मान : उन्हें भारतीय सरकार द्वारा 1988 में पद्म श्री, 2002 में पद्म भूषण, और 2023 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। इसके अलावा, उन्होंने 1992 और 2009 में ग्रैमी पुरस्कार भी जीते हैं

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वैश्विक प्रभाव : ज़ाकिर हुसैन ने भारतीय संगीत को विश्व स्तर पर फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कई अंतरराष्ट्रीय संगीत समारोहों में भाग लिया और अपने तबले की अनोखी शैली से लोगों को प्रभावित किया

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संगीत की नई तकनीके: उस्ताद ज़ाकिर हुसैन ने तबला वादन में कई नई तकनीकों का विकास किया है, जिससे उन्होंने इस वाद्य यंत्र को एक नई पहचान दी है। उनकी कला ने उन्हें न केवल भारत में बल्कि विश्व भर में प्रसिद्ध बना दिया

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