दोस्तों, पौधों के लिए जरूरी पोषक तत्वों में से फॉस्फोरस भी एक बेहद ज़रूरी पोषक तत्व है और इसका शुमार मैक्रो (macro) न्यूट्रिएंट्स में किया जाता है। Macrnutrients उन पोषक तत्वों को कहते हैं जिनकी जरूरत पौधों को अपनी ग्रोथ और डेवलपमेंट के लिए large amounts में होती है। जैसे: कार्बन, हाइड्रोजन, फास्फोरस, सल्फर, कैल्शियम, पोटेशियम और मैग्नीशियम। इसकी मात्रा पौधों में 10 moles per kilogram dry materials से ज्याद होती है।
Macronutrients में से कार्बन, हाइड्रोजन, और ऑक्सीजन तो पौधों को हवा और पानी से मिल जाते हैं। जबकि बाकी बचे हुए मिट्टी से पौधों को मिलते हैं। ये न्यूट्रिएंट्स पौधों में नई cells बनाते हैं जो बाद में plant tissues का हिस्सा बन जाती हैं। इन न्यूट्रिएंट्स के बिना पौधों की ग्रोथ और डेवलपमेंट पूरी तरह से संभव नहीं है।
और फास्फोरस इन्हीं न्यूट्रिएंट्स में से एक अहम एलिमेंट है जिसके बिना पौधों के कई functions अधूरे होते हैं।
आइये, समझते हैं आज के इस ब्लॉग में इसी element को थोड़ा डिटेल्स में। आप हमारे यूट्यूब चैनल AAS TV को विजिट करके खेती बाड़ी से जुड़ी नवीनतम जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं।
Role Of Phosphorus For Plants:-
- Energy Transfer:-
- ATP यानी adenosine triphosphate एक ऐसा molecule है जो पौधों में fuel यानी ईंधन का काम करता है।
- ये पौधों में बैटरी की तरह काम करता है, एनर्जी को capture और release करने का काम करता है।
- और phosphorus, इस पूरे process का मुख्य हिस्सा है और इसी वजह से ATP का formation होता है।
- ATP आगे चलकर कई cellular process जैसे nutrients uptake, cell division और growth को प्रभावित करती हैं।
- और बिना फास्फोरस के पौधों को प्रयाप्त ATP बनाने में काफी परेशानी होती है जिससे पौधों की overall ग्रोथ और डेवलपमेंट पर असर पड़ता है।
2. Helpful In Photosynthesis:-
- सूरज की रोशनी की मौजूदगी में, पौधे हवा से कार्बन डाइऑक्साइड को ले कर अपना खाना बनाते हैं और इस प्रक्रिया को Photosynthesis कहा जाता है। और ऐसा माना जाता है कि इस पूरे संसार में पौधों के अलावा भी सभी जीवों के लिए खाने का main source Photosynthesis ही है।
- इस पूरी प्रक्रिया में Chlorophyll नाम के एक pigment का खास रोल होता है और इसी pigment की वजह से पौधों का रंग हरा होता है।
- ये pigment ही है जो सूरज की रोशनी से एनर्जी को capture करता है और फिर पौधे इस एनर्जी अपना खाना बनाने में इस्तेमाल करते हैं।
- और phosphorus की कमी की वजह से पौधे इस एनर्जी को खाने में बदल नहीं पाते और इसकी वजह से उनकी height काम रह जाती है और फसल से उत्पादन भी काम होता है।
3. Nutrients Movement:-
- फास्फोरस जहां खुद पौधों की ग्रोथ और डेवलपमेंट के लिए एक जरूरी element है, वहीं ये पौधों को मदद करता है कि जो दूसरे जरूरी elements हैं जैसे- नाइट्रोजन, पोटेशियम और कैल्शियम ये पौधों के अंदर सही मात्रा में movement कर सकें।
- और पौधों में जिस जगह पर भी इन न्यूट्रिएंट्स की जरूरत होती है, ये उस जगह move कर जाते हैं।
- अगर पौधों में न्यूट्रिएंट्स की मूवमेंट ठीक से होगी तो पौधों के सभी functions ठीक से कार्य भी करेंगे और पौधों की ग्रोथ पर भी इसका सकारात्मक असर पड़ेगा।
4. Very Useful In Root Development:-
- पौधों में जड़ों का महत्व काफी ज्यादा होता है, खासतौर से पौध में।
- क्योंकि पौध या पौधों में जड़ें जितनी अच्छी होंगी वो पानी और न्यूट्रिएंट्स जमीन से उतने ही बेहतर ढंग से ले पाएंगे।
- अगर जड़ों का विकास सही नहीं होगा तो हम जितना मर्जी न्यूट्रिएंट्स पौधों को देते रहें। उनका विकास उस गति या हम जो चाहते हैं उस हिसाब से नहीं होगा।
- और फास्फोरस, पौधों की जड़ों की ग्रोथ और डेवलपमेंट में काफी मददगार है। ये जड़ों में cell division को बढ़ाता है और root tissues को elongate करता है जिससे पौधे जड़ों के द्वारा ज्यादा पानी और न्यूट्रिएंट्स मिट्टी से ले सकें।
- Root system पौधों में जितना बेहतर होगा पौधों का विकास भी उतना ही बेहतर होगा और पौधों की हेल्थ भी अच्छी होगी। और इसका सीधा असर किसान की पैदावार पर पड़ेगा।
5. Transfer Genetic Information:-
- पौधों के साथ साथ सभी जीवों में genetic material यानी RNA और DNA का काफी रोल होता है।
- ये genetic information यानी पौधों के गुणों को अगली पीढ़ी में transfer करते हैं।
- इसके अलावा ये cell division और reproduction में भी मददगार होते हैं।
- और फास्फोरस ही है जो इस पूरे process को बैलेंस कर के रखता है।
- Genetic material जितना pure होगा, पौधों के जरूरी गुण उतने ही बेहतर ढंग से आने वाली पीढ़ियों में जायेंगे।
6. Helpful In Seed Formation and Quality:
- हम अक्सर अपनी फसलें बीज से तैयार करते हैं। चाहे वो पौध हो या मुख्य फसल और इसके लिए हमारे पास एक उत्तम किस्म का बीज होना बेहद जरूरी है।
- और फास्फोरस seed development और इसके quality को maintain करने में एक अहम भूमिका निभाता है।
- फास्फोरस phytin के रूप में बीज में स्टोर रहता है। और बीज में फास्फोरस की पूरी मात्रा का होना इसके proper germination और इससे एक अच्छी seedlings बनने में मदद करता है।
- और फिर बाद में यही बीज एक अच्छी पौध और ये पौध एक अच्छे पौधे में तब्दील हो कर किसान का उतादन को बढ़ाती है।
7. पौधों को बनता है Stress Tolerance:
- तापमान चाहे ज्यादा हो या कम, पौधों हमेशा इससे लड़ते रहते हैं। और इस लड़ने की वजह से वो कई बार stress में भी आ जाते हैं।
- और फास्फोरस इससे लड़ने में पौधों की खासी मदद करता है। ये पौधों की drought, cold temperature और nutrients deficiency से लड़ने मदद करता है।
- ये एक stress protective compound छोड़ता है जो पौधों की cell membrane को मजबूत बना कर इन्हें adverse condition से लड़ने में मदद करता है।
तो दोस्तों, अब तक आप समझ गए होंगे कि फास्फोरस पौधों के लिए कितना जरूरी एक न्यूट्रिएंट है। और अगर इसकी कमी पौधों में हो जाए तो फिर किसान के प्रोडक्शन पर कितना असर पड़ सकता है?