दोस्तों अक्सर हम मिट्टी में पौध तैयार करते हैं। या अपनी मुख्य फसल भी हम मिट्टी में ही लगते हैं। और मिट्टी में बहुत सारे पोषक तत्व होते हैं जो पौधों के लिए बहुत जरूरी होते हैं। पर मिट्टी में जहां एक तरफ काफी फायदेमंद पोषक तत्व होते हैं। वहीं दूसरी तरफ कुछ हानिकारक चीज़ें भी होती हैं।
मिट्टी में कई तरह की फंगस मौजूद होती हैं। जो हमारी पौध पर अटैक करती हैं और उन्हें काफी नुकसान पहुंचती हैं। इसीलिए अच्छी गुणवत्ता की पौध तैयार करने के लिए हम मिट्टी की बजाय soil less media का चुनाव करते हैं। और हाल के दिनों में यह तकनीक काफी ज्यादा आगे बढ़ी है।
संरक्षित खेती में लोगों का काफी ज्यादा पैसा लग जाता है नेट हाउस और पोली हाउस लगाने में। इसलिए नेट हाउस में फसल लेने के लिए उनके पास अच्छा प्लाटिंग मटेरियल होना चाहिए। जैसे की अच्छी गुणवत्ता वाली पौध। और अच्छी पौध तैयार करने के लिए हमारा मीडिया अच्छी गुणवत्ता का होना चाहिए।
कोकोपीट मीडिया तैयार करने के लिए हमें मुख्य रूप से 3 कॉम्पोनेंट्स की ज़रूरत होती है:-
- Cocopeat
- Perlite
- Vermiculite
ध्यान रखें कि ये सभी कॉम्पोनेंट्स एक अच्छे सोर्स से लिए गए हों।
Perlite और Vermiculite के लिए आप Keltech कंपनी का चुनाव कर सकते हैं, क्योंकि हमारे 5 सालों के अनुभव से मैं ये बता सकता हूं कि Keltech के ये दोनों ही प्रोडक्ट्स बेहतर होते हैं।
👉 कोकोपीट अगर आपने low EC का भी खरीदा है, तब भी आपको इसे किसी होदी या टैंक में एक रात भिगोना पड़ेगा। भिगोते समय ये ध्यान रहे कि जिस पानी में आप इसे भिगोएं उसका EC सही रेंज में होना चाहिए। कोकोपीट ब्रिक्स को इसमें डाल दें और ऊपर तक पानी से भर दें। कोशिश करें कि किसी डंडे से इसे हिलाते रहें।
👉 ऐसा करने से ये लूज हो हो जायेगा और इसके अंदर जो गर्मी है वो बाहर निकल जायेगी। इसके फाइबर्स खुल जायेंगे और ये पौध लगाने के लिए उपयुक्त रहेगा। अगर इसके अंदर कोई मिलावट होगी तो वो भी नजर आ जायेगी। आपको ये भी पता चल जायेगा कि आपने जिस सोर्स से ये कोकोपीट लिया है वो ठीक है कि नहीं।
👉 रातभर भीगने के बाद अगली सुबह, आप इसका पानी बाहर निकाल दें। और जब थोड़ा सा पानी रह जाए तो उसे एक डब्बे में बाहर निकाल लें।
👉 EC मीटर से आपको इसका EC चैक करना है जो 1000-1500 micro Siemens के नीचे होना चाहिए। अगर नहीं है तो आप तब तक इसको धोते रहें, जब तक ये इस रेंज में ना आ जाए।
कोकोपीट में ज्यादा EC मतलब होता है कि इसमें नमक की मात्रा ज्यादा है। और ये नमक इसमें समुंदर के किनारे उगने की वजह से होता है।क्योंकि नारियल का पेड़ साउथ इंडिया में समुंदर के किनारे पर ही उगते हैं।कोकोपीट में नमक की मात्रा पौधों के लिए कई परेशानी पैदा करती है।
ये सबसे पहले तो बीज के उगने में काफी दिक्कतें करती है। इसके बाद जब जर्मिनेशन हो जाता है तो नए पौधों को ज्यादा नमक होने की वजह से दिक्कतें होती हैं।
ऐसे ग्रोइंग मीडिया में आप बहुत ज्यादा फर्टिलाइजर्स या खाद का इस्तेमाल नहीं कर सकते क्योंकि इससे इसका EC और ज्यादा बढ़ सकता है।
👉 आपके मीडिया की pH value 6.5 से लेकर 8.5 तक होनी चाहिए, अगर नहीं है तो आप एसिडिक न्यूट्रिएंट्स का इस्तेमाल थोड़ा ज्यादा करें। और pH वैल्यू को इस रेंज में ले कर आएं। पौधों को जरूरी 17 न्यूट्रिएंट्स में से कई ऐसे हैं जो कम pH पर पौधों को नहीं मिलते और काफी ऐसे भी हैं जो ज्यादा pH पर पौधों को नहीं मिल पाते हैं। इसीलिए pH वैल्यू का इस रेंज में होना बेहद जरूरी है।
👉 एक बार अगर आपका EC सही हो जाए तो इस भीगे हुए कोकोपीट को किसी समतल फर्श या पॉलीथीन पर डाल दें और इसका पानी बाहर निकलने दें।आपको इसका ढेर लगा देना है जिससे इसका अतिरिक्त पानी बाहर निकल जायेगा। और इसमें नमी ज्यादा नहीं रहेगी। क्योंकि अगर नमी ज्यादा होती है तो फिर पौध में फंगस लगने का खतरा बढ़ जाता है।
📣 कैसे करें पहचान कि पानी कितना होना चाहिए?
👉 सही नामी का पता करने के लिए मुट्ठी में कोकोपीट को पूरा दबाएं, अगर इससे पानी की धार गिरती है तो इसे थोड़ा और सूखने दें।
👉 और अगर इससे सिर्फ बूंद बूंद करके पानी गिर तो, ये कोकोपीट अब इस्तेमाल के लिए बिल्कुल सही है।
📣 Perlite और Vermiculite को कोकोपीट के साथ मिलाएं। ये दोनों कॉम्पोनेंट्स आप सूखे ही इसमें मिलाए और इसे पूरी तरह से mix कर लें। परलाइट और vermiculite आप कोशिश करें कि Keltech कंपनी के ही खरीदें। क्योंकि इनकी गुणवत्ता काफी अच्छी होती है। और इसमें मिलावट सबसे कम पाई जाती हैं।
👉 अब आपको भीगे हुए कोकोपीट में परलाइट और वर्मिकुलाईट को सही अनुपात (3:1:1) में मिलाना है। यहां इसका मतलब है कि 3 हिस्से कोकोपीट के, और एक एक हिस्सा बाकी दोनों का।
आप चाहें तो इस अनुपात को अपने हिसाब से कम या ज्यादा भी कर सकते हैं। ये पूरी तरह से आप पर निर्भर करता है कि आपको कहां बेस्ट रिजल्ट्स मिलते हैं।
📣 मीडिया में Fungicide और Micronutrients ज़रूर मिलाएं।
👉अब आपका मीडिया मिक्स हो गया है, पर इस मीडिया में अभी भी फंगल कंटामिनेशन और माइक्रो न्यूट्रिएंट्स की कमी है। और शुरुआती स्टेज में आप इसमें फंगीसाइड या माइक्रो न्यूट्रिएंट्स जरूर मिलाएं। इससे हमारी पौध में फंगल कंटामिनेशन का खतरा खत्म हो जाएगा और माइक्रो न्यूट्रिएंट्स से शुरुआत में जर्मिनेशन में फायदा भी मिलेगा।
👉 इसके लिए आप 50 kg सूखे कोकोपीट के मीडिया के हिसाब से 100 gm Fungicide; जैसे कि UPL का SAAF और 100 ml माइक्रो न्यूट्रिएंस मिक्स कर लें। माइक्रो न्यूट्रिएंट्स के लिए आप मल्टीप्लेक्स कंपनी का General Liquid का इस्तेमाल कर सकते हैं। क्योंकि इस प्रोडक्ट में पौधों के लिए जरूरी सभी माइक्रो न्यूट्रिएंट्स एक अच्छे अनुपात में उपलब्ध हैं।
👉 अब आपका मीडिया बिलकुल तैयार है, अब आप इसे प्लास्टिक प्रो ट्रे में भर कर इस्तेमाल करें आपको बेहतरीन परिणाम मिलेंगे।
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