Introduction
उत्तर भारत में अगस्त और सितंबर का महीना टमाटर की खेती के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इस समय टमाटर की नर्सरी से पौधे खेतों में लगाए जाते हैं। चाहे आप संरक्षित खेती जैसे नेट हाउस और पॉलीहाउस में काम कर रहे हों, या खुले खेत में, इन महीनों में पौधों को लगाने से बेहतर परिणाम मिलते हैं। इस समय का मौसम टमाटर की फसल के लिए अनुकूल होता है, जिससे पौधों की अच्छी बढ़ोतरी और बेहतर उत्पादन सुनिश्चित होता है। इस ब्लॉग में, हम उत्तर भारत के जलवायु में संरक्षित खेती और खुले खेतों दोनों के लिए उपयुक्त टमाटर की पौध रोपाई की बेहतरीन तकनीकों पर चर्चा करेंगे।
उत्तर भारत में टमाटर की खेती के लिए अनुकूल जलवायु परिस्थितियाँ।
उत्तर भारत में टमाटर की खेती के लिए जलवायु की स्थिति बहुत महत्वपूर्ण होती है। यहां का मौसम टमाटर की खेती के लिए आदर्श माना जाता है, खासकर जब पौधों को अगस्त और सितंबर में लगाया जाता है। इस समय दिन का तापमान और आर्द्रता टमाटर की अच्छी बढ़त के लिए अनुकूल होते हैं। हालांकि, अत्यधिक ठंड और गर्मी दोनों ही टमाटर की फसल के लिए हानिकारक हो सकते हैं, इसलिए मौसम की स्थिति का ध्यान रखना जरूरी है। इस ब्लॉग में, हम उत्तर भारत में टमाटर की खेती के लिए आवश्यक जलवायु परिस्थितियों और उन्हें ध्यान में रखते हुए खेती के सर्वोत्तम तरीकों पर चर्चा करेंगे।
सही तापमान और उचित आर्द्रता का है काफी ज्यादा महत्व।
टमाटर की अच्छी फसल के लिए तापमान और आर्द्रता (RH) की सही स्थिति बेहद महत्वपूर्ण है। उत्तर भारत में, टमाटर की खेती के लिए आदर्श तापमान 20°C से 30°C के बीच होता है। इस तापमान पर पौधों की वृद्धि अच्छी होती है और फलों का आकार और गुणवत्ता भी बेहतर होती है। साथ ही, 60% से 70% आर्द्रता टमाटर की फसल के लिए सबसे उपयुक्त मानी जाती है। अत्यधिक गर्मी, ठंड, या आर्द्रता के स्तर में बहुत अधिक बदलाव से टमाटर की फसल पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इस ब्लॉग में, हम टमाटर की खेती के लिए सर्वोत्तम तापमान और आर्द्रता के महत्व पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
कम से कम 25 से 30 दिन पुरानी पौध ही ट्रांसप्लांट करें।
टमाटर की सफल खेती के लिए सही तापमान (temperature) और आर्द्रता (relative humidity – RH) के साथ-साथ पौध (seedlings) तैयार करने का समय भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है। उत्तर भारत में, टमाटर की खेती के लिए आदर्श तापमान 20°C से 30°C के बीच होना चाहिए, और आर्द्रता का स्तर 60% से 70% के बीच होना चाहिए। इन स्थितियों में पौधे अच्छी तरह से विकसित होते हैं, और फसल की गुणवत्ता बेहतर होती है।
इसके अलावा, टमाटर की पौधों को समय पर तैयार करना आवश्यक है, विशेष रूप से मध्य अगस्त से पहले। पौध को प्लास्टिक प्रो ट्रे (plastic pro trays) में उगाना चाहिए ताकि वे रोग और फंगस संक्रमण (disease and fungal contamination) से मुक्त रहें। स्वस्थ पौधों की आयु कम से कम 25 से 30 दिन होनी चाहिए, और उनकी जड़ें सफेद और मलाईदार (white creamy roots) होनी चाहिए, जो उनकी सही वृद्धि और मजबूती का संकेत देती हैं।
Day-wise Fertigation Schedule For Tomato Seedlings (30 Days):
- जैसा कि अब तक आप समझ गए होंगे कि टमाटर की पौध को तैयार होने के लिए लगभग 25 से 30 दिनों का समय लग जाता है।
- अगर आप इससे पहले ट्रांसप्लांट करते हैं तो पौध को ट्रे से निकलते समय roots damage होने का खतरा बना रहता है और अगर आप पौध को लगाने में ज्यादा देरी करते हैं तो फिर जड़ों की ओवर ग्रोथ या मैच्योर होने का खतरा बना रहता है।
- सबसे पहले हमें सही किस्म का चुनाव करना पड़ेगा और इसके लिए हमें बेल वर्ग और बिना बेल वाली किस्मों में से अपनी जरूरत की किस्म चुन्नी पड़ेगी।
- बीज को किसी अच्छे और ऑथेंटिक सोर्स से ही खरीदें और बीज को ज्यादा समय तक बचा कर न रखें। खास ख्याल रखें कि बीज खरीदने के बाद आप इसे अपनी गाड़ी में बिलकुल भी न छोड़ें।
- बीज को लगाने से पहले ये सुनिश्चित कर लें कि इसका बीज उपचार सही ढंग से हुआ हो अगर नहीं हुआ हो तो बीज लगाने से पहले आप इसका बीज उपचार जरूर कर लें।
- ट्रे में बीज लगाने के बाद इसे जर्मिनेशन के लिए स्टेकिंग पर यानी इसका ढेर बना कर रख दें। जहां कहीं भी तापमान कम रहता हो वहां पर आप इसे किसी पॉलीशीट की सहायता से ढक भी सकते हैं।
- 3 से 5 दिनों के अंदर पौध का जर्मिनेशन शुरू हो जायेगा। इसके बाद आप इसे स्टैंड्स या फिर समतल जमीन पर शिफ्ट कर सकते हैं।
पौध को जब आप स्टैंड्स या फिर समतल जमीन पर शिफ्ट कर दें, और आपकी पौध में 30 से 50 प्रतिशत जर्मिनेशन हो चुका हो तो इसपर आप एक हल्का स्प्रे Saaf या Ridomil Gold का 0.5 gm प्रति लीटर के हिसाब से स्प्रे कर सकते हैं। इससे Damping Off से लड़ने में काफ़ी मदद मिलती है।
Day 3-5:-
किसी भी पौध में जड़ों की काफी ज्यादा इंपोर्टेंस होती है। और फॉस्फोरस पौधों की बढ़वार के काफ़ी ज्यादा जरूरी होता है। इसलिए शुरुआत में आप फॉस्फोरस रिच फर्टिलाइजर्स का इस्तेमाल कर सकते हैं जैसे कि NPK-12:61:00 और इसका इस्तेमाल आप 2 gm प्रति लीटर के हिसाब से कर सकते हैं।
Day 8-9:-
जब आपकी पौध 8 से 9 दिन की हो जाए तो आप दूसरा स्प्रे Calcium Nitrate 2 gm प्रति लीटर पानी के हिसाब से कर सकते हैं। क्योंकि कैल्शियम पौधों में नई सेल्स (cells) का विकास करता है जिससे हमारे पौधों का तना मजबूत होता है।
Day 10:-
जब आपकी पौध लगभग 10 दिनों की हो जाए तो आप उसमें मल्टीप्लेक्स कंपनी का Jivras इस्तेमाल कर सकते हैं। इस प्रोडक्ट में हूमिक एसिड (Humic Acid) और फुल्विक एसिड (Fulvic Acid) मौजूद होते हैं जो पौध की जड़ों में जा कर पौधे की जड़ों को मजबूत करता है और जमीन में मौजूद न्यूट्रिएंट्स को पौधों के लिए उपलब्ध कराता है। इसे आप 2 से 3 ml प्रति लीटर इस्तेमाल कर सकते हैं।
Day 12:-
पौध जब लगभग 12 दिनों की हो जाए तो हमें इसकी तेज़ बढ़वार करनी होती है और इसके आप इस्तेमाल कर सकते हैं NPK 18:18:18 2 gm प्रति लीटर, जो मदद करता है पौधों की रैपिड ग्रोथ में।
Day 14-15:-
पौधों का हरा भरा दिखाना हमारे पौधों की ग्रोथ के लिए बेहद जरूरी है क्योंकि यह दिखाता है कि हमारे पौधों में क्लोरोफिल की मात्रा कितनी ज्यादा है। और पौधों में क्लोरोफिल मात्रा को रेगुलेट करता है मैग्नीशियम। इस लिए आप इस्तेमाल कर सकते हैं Magnesium sulphate 2 gm प्रति लीटर के हिसाब से जो पौधों में क्लोरोफिल की मात्रा को नियंत्रित करता है।
Day 18-20:-
हमारे पौधों में पोटेशियम या पौटाश की एक खास इंपोर्टेंस होती है। यह हमारे पौधों को बीमारियों से लड़ने में मदद करता है। और इसके साथ ही यह पौधों की पत्तियों को स्कॉरचिंग से बचाने में मदद करता है। इसलिए पोटाश की कमी को दूर करने के लिए आप अपनी पौध में इस्तेमाल कर सकते हैं NPK 13:00:45 और इसका इस्तेमाल भी आप 2 gm प्रति लीटर के हिसाब से कर सकते हैं।
इस तरह से अब तक हमारी पौध में लगभग सभी पोषक तत्वों की कमी पूरी करने के लिए जरूरी फर्टिलाइजर्स का इस्तेमाल हो चुका है और आप इनका इस्तेमाल अपने विवेक के हिसाब से जब जरूरत हो कर सकते हैं।
आखरी हफ्ता पौध की हार्डिंग (Hardening Off) के लिए रखें।
दोस्तों, पौध को खेत में ट्रांसप्लांट करने से पहले इसकी हार्डेनिंग होना बेहद जरूरी है। क्योंकि इससे हमारी मोर्टालिट कभी ज्यादा कम या ना के बराबर हो जाती है। इसीलिए आखरी 7 दिन आप पौध का खाद बंद कर दें और पानी भी लिमिटेड ही रखें।
हमने इस लेख में इस्तेमाल होने वाले जरूरी प्रोडक्ट्स का लिंक अटैच किया हुआ है। आप उस लिंक से जा कर वो प्रोडक्ट ऑनलाइन भी घर बैठे मंगा सकते हैं।