WhatsApp Group Join Now
Telegram Channel Join Now
Instagram Profile Follow Me

Introduction:

हमारे देश में ऐसा माना जाता है कि पढ़ाई के क्षेत्र में लड़के लड़कियों से आगे हैं। और प्रोफेशनल कोर्सेज में लड़कियों से लड़कों की तादाद काफी ज्यादा होती है। पर ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। हाल ही में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक एक ऐसा खुलासा हुआ है जिससे यह भरम टूटता हुआ दिख रहा है।

तो दोस्तों क्या है यह पूरी खबर और क्या है इस रिपोर्ट में जानेंगे हम आज के इस इंपॉर्टेंट ब्लॉग में।

क्या लिखा है इस रिपोर्ट में?

यूनियन मिनिस्टर ऑफ़ स्टेट फॉर एग्रीकल्चर Sushri Shobha karandlaje का कहना है कि हमारे देश में जितनी एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटीज हैं उनमें कम से कम 50 फ़ीसदी स्टूडेंट लड़कियां हैं।

और यह अपने आप में एक काफी बड़ी खबर है क्योंकि लड़कियों की तादाद अब प्रोफेशनल कोर्सेज में काफी ज्यादा बढ़ती हुई दिख रही है। Kerala Agricultural University और Indian Council of Agricultural Research (ICAR) द्वारा मिलकर एक रिपोर्ट साझा की गई है जिसे नाम दिया गया है “Women Agricultural Entrepreneurship Sector Conference 2024”.

और इस रिपोर्ट में यह बात निकल कर सामने आई है कि देश की एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटीज में 50 फ़ीसदी से ज्यादा तादाद लड़कियों की है।

Skilled Labour में आगे आ रही हैं औरतें।

ऐसी एक धारणा है की खेती में पुरुषों के काम ज्यादा होते हैं और खेती के काम सिर्फ पुरुष ही बेहतर ढंग से कर सकते हैं। पर ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। मेहनत के मामले में महिलाएं भी पुरुषों से कहीं काम नहीं है।

और महिलाएं भी पुरुषों के बराबर और और समझदारी के साथ खेती के कामों को अंजाम दे सकती हैं। और इसकी एक तस्वीर संरक्षित खेती यानी कि protected cultivation में देखने को मिली है।

संरक्षित खेती में जब हम नेट हाउस या पॉलीहाउस में फसल लगते हैं तो इसके लिए हमें स्किल्ड मजदूरों की जरूरत पड़ती है। क्योंकि संरक्षित खेती में कुछ काम बारीकी के होते हैं जिनको सिर्फ स्किल्ड लेबर ही आसानी से कर सकती है।

और ऐसा देखने को मिला है कि महिलाएं पुरुषों से कहीं ज्यादा मेहनत से अपने कामों को अंजाम दे सकती हैं। दूसरा महिलाएं काम के प्रति वफादार भी होती हैं और कामचोर बिल्कुल नहीं होती जैसा कि पुरुषों के संदर्भ में देखने को मिलता है।

महिलाएं नहीं करती smoking 🚬

दोस्तों, संरक्षित खेती जैसे कि नेट हाउस या पॉलीहाउस में तंबाकू यानी tobacco से एक बीमारी फैलती है जिसे तंबाकू वायरस डिजीज कहते हैं। और यह बीमारी है काफी खतरनाक बीमारी होती है जो बेल वाली सब्जियों में काफी ज्यादा नुकसान कर सकती है।

आमतौर पर ऐसा देखा जाता है कि जो हमारी पुरुष लेबर होती है वो या तो बीड़ी या सिगरेट पीती है या फिर तंबाकू चबाती है। और बीड़ी या सिगरेट पीते हुए वह काम भी करती है जिससे हमारी फसलों में तंबाकू वायरस बीमारी के फैलने का खतरा बढ़ जाता है।

पर हमारी महिलाएं आमतौर पर पुरुषों के मुकाबले कम बीडी या सिगरेट पीती हैं। या फिर ना के बराबर इनका इस्तेमाल करते हैं। इसलिए संरक्षित खेती में अगर आप लेबर रखना चाहते हैं तो या तो ऐसी पुरुष लेबर रखें जो बीड़ी या सिगरेट का इस्तेमाल ना करती हों। या फिर आप महिला मजदूर रखें जिससे इस बीमारी का फसलों में फैलने का खतरा खत्म हो जाता है।

महिलाएं कहीं भी नहीं हैं पुरुषों से कम।

और आजकल महिलाएं पुरुषों से किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है। चाहे वह पढ़ाई का मामला हो या फिर स्किल्ड लेबर का। आजकल महिलाएं भी उतने ही अच्छे से संरक्षित खेती में काम कर सकती हैं जितना कि हमारे पुरुष लेबर।

और जैसा कि इस रिपोर्ट में लिखा है कि देश की एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटीज में महिलाओं की तादाद अब लगभग पुरुषों के बराबर ही है। तो ऐसे में अब हमें एग्रीकल्चरल प्रोफेशनल्स जो पहले ज्यादा पुरुष ही देखने को मिलते थे अब महिलाएं भी देखने को मिलेगी।

एग्रीकल्चर सेक्टर में जो प्राइवेट कंपनी थी उनमें भी पहले पुरुष एम्पलाइज ज्यादा हुआ करते थे। पर अब ऐसा नहीं होगा क्योंकि महिलाएं ज्यादा प्रोफेशनल कोर्सेज में आ रही है और खास तौर से एग्रीकल्चर में। तो ऐसे में अब हमें कंपनियों में या फिर एग्रीकल्चर फील्ड में महिलाएं पुरुषों के बराबर ही देखने को मिलेंगी।

हमारे देश में हैं लगभग 42% महिला लेबर।

दोस्तों आंकड़े यह कहते हैं कि हमारे देश भर में जितनी भी एग्रीकल्चरल एक्टिविटीज होती हैं या फॉर्म चलते हैं। उन में लगभग 42% मजदूर महिला मजदूर हैं। और यह काफी बड़ा एक आंकड़ा है।

संरक्षित खेती से लेकर महिलाएं मशरूम कल्टीवेशन, मधुमक्खी पालन, और मछली पालन जैसी एग्रीकल्चर एक्टिविटीज को भली भांति अंजाम दे सकती हैं। महिलाएं न सिर्फ अपने काम को बड़ी पाबंदी से करती हैं बल्कि अपने काम के प्रति काफी जुझारू और वफादार भी होती हैं।

असम राज्य में चाय के बागानों से जहां से हरी हरी नई कोंपल तोड़नी पड़ती हैं। वहां भी महिला मजदूर काफी ज्यादा है। हालांकि हमारे समाज में महिलाओं को पुरुषों के बराबर दर्जा नहीं दिया जाता। और उन्हें एक अलग नजरिए से देखा जाता है।

ऐसा माना जाता है कि महिलाएं घर के कामों को अच्छे से कर सकती हैं। और बच्चों की देखरेख अच्छे से कर सकती हैं। पर ये एक भरम है अगर महिलाओं को भी पूरे मौके मिले तो यह भी पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर सकती हैं।

महिलाओं को भी मिले पूरे मौके।

हमें चाहिए कि हमें अपनी महिलाओं की इन कैपेबिलिटीज को पहचान कर उन्हें भी पुरुषों के बराबर पूरे मौके देने चाहिए। इससे ना सिर्फ उनका खुद का मनोबल बढ़ेगा बल्कि इससे हमारा घर और हमारा समाज भी मजबूत होगा। इससे महिलाएं भी हमारी अर्थव्यवस्था में बराबर की भागीदार बनेगी। और हमारा देश तरक्की के नए आयाम लिखेगा।

हमारी महिलाएं भी सपने देख पाएंगी। और अपने सपनों को साकार करने के लिए वह कुछ ना कुछ प्लानिंग कर पाएंगी। इससे वह दूसरों पर निर्भर नहीं रहेगी और पुरुष समाज जो महिलाओं को एक बोझ की तरह देखा है उनका नजरिया भी काफी ज्यादा बदल जाएगा।

इससे समाज में महिलाओं का मान सम्मान और ज्यादा बढ़ जाएगा। और कहीं ना कहीं इससे हमारा समाज हमारा घर और हमारा देश आगे चलकर मजबूत होता चला जाएगा।

आपका इस खबर के बारे में क्या मानना है आप कमेंट बॉक्स में हमें जरूर लिखकर बताएं।

By Wasim Ilyas Akram

दोस्तों, मैं एक एग्रीकल्चर ग्रेजुएट हूं और पिछले लगभग 5 सालों से मैं किसान समुदाय के लिए काम कर रहा हूं। मैंने Centre Of Excellence For Vegetables, Gharaunda में नर्सरी एक्सपर्ट के पद पे कार्य किया है और पौध उत्पादन में करीब 5 साल दिए हैं। इसके अलावा हमारा एक YouTube चैनल AAS TV के नाम से है, जिसपे हम लगातार videos की शक्ल में खेती से जुड़ी उन्नत जानकारी साझा करते हैं। आप भी हमारे साथ इस मुहिम में आज़ ही जुड़िए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

सरसों के तेल के ये 7 फायदे जानकर आप रह जायेंगे हैरान|  Who was Ustaad Zakir Hussain? पौधों के लिए एक अमृत की तरह है मल्टीप्लेक्स कंपनी का जनरल लिक्विड| क्या है ‘व्हाइट रिवोल्यूशन 2.0’ और कैसे ये महिलाओं को बनाएगा सशक्त? मसालों की लिस्ट में अगर नहीं है हल्दी, तो रह जाओगे काफी फायदों से महरूम| खाली पेट बादाम खाने के हैं बेशुमार फायदे, अभी डाइट में करें शामिल| सेहत का खज़ाना है ब्रसेल्स स्प्राउट्स (Brussels Sprouts), फायदे जानकर आप भी रह जायेंगे हैरान| “Women’s T20 World Cup 2024: Soaring to New Heights in Cricket!” इंडिया में खाए जाने वाले 5 मुख्य ट्रेडिशनल डिशेज, आपकी पसंदीदा कौनसा है? कौनसे हैं दुनिया के 5 सबसे ज्यादा जहरीले सांप? जानकर रह जायेंगे हैरान!